GETTING MY APSARA SADHNA TO WORK

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कृपया अगर और कुछ जानना चाहें तो पूछ सकते हैं।

माँ बगलामुखी शत्रु विनाशक कवच – शत्रु बाधा, कोर्ट केस व तंत्र से सुरक्षा के लिए

I most crucial detail I've learnt is to complete very good karmas with ” good intentions ” so that you will be become destined to enjoy Gains within your recent existence if destined or invariably you will certainly be handed on the golden platter the advantages with interest. Likewise any destructive karmas will give its unpleasant success.

स्वर्गीय आनंद: अप्सराएं स्वर्गीय लोक में निवास करती हैं और उन्हें नित्य सुख और आनंद का अनुभव होता है। इससे वे अपनी शक्तियों को बढ़ाती हैं।

अप्सरा और परी दोनों ही हिन्दू मिथकों और पौराणिक कथाओं में उल्लेखित स्वर्गीय स्त्री देवियां हैं, लेकिन इनके बीच भिन्नता है। यहां अप्सरा और परी में कुछ मुख्य अंतर हैं:

Reply Jothimurugan A Oct 30, 2019 Please support me to show negatively turned apsara sadhana to positive. Share me your cellular ,whatapp or e mail be sure to . Why not replying me? Please reply me

अप्सरा साधना के लिए अप्सरा माला और यंत्र गुटका का check here उपयोग करें।

कैसे जाने की किसी ने काला जादू कर दिया है kaise jaane ke kisi ne kala jaadu kar diya hai

आप पालथी मारकर बैठ सकते हैं और मेरुदंड को सीधा रख सकते हैं।

शत्रु नाशक हनुमान मंत्र – गुप्त शत्रु की उल्टी गिनती शुरू

इन सभी लाभों के साथ, अप्सरा साधना साधक को आत्मिक शांति, संतुलन, और समृद्धि का अनुभव कराती है जो कि उसे आत्मिक संवाद के माध्यम से मिलता है। इस साधना में विशेष तरीके से आनंद, समृद्धि, और स्वास्थ्य के लिए आत्मा को प्रकट करने का मार्ग दिखाया जाता है।

कार्य और सेवाएं: अप्सराएं स्वर्गीय देवताओं की सेवा करती हैं और उनके साथ नृत्य, संगीत और आनंद लेती हैं। उनका मुख्य कार्य स्वर्ग में साधकों को आनंदित करना होता है। परी भी देवताओं की सेवा में लगी रहती हैं, लेकिन उनका कार्य संतोष, समृद्धि और सुख के प्रदान में होता है।

इस अप्सरा की कामेच्छा कभी शांत नहीं होती सदैब यह कामपीडित बनी रहती है इसीलिए इसका नाम कामेच्छी पडा है। इसका अनुष्ठान सरल है । सोमबार के कमलधारिणी देबी का चित्र ले। एकान्त स्थान पर रात्रि में उक्त मंत्र से पूजा कर ७ दिन तक हकीक माला से ११००० जप करे तो देबी सिद्ध हो जाती है प्रभाब स्वयं पता चलता है ।

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